Skip to main content

प्रभावित करने का आसान तरीका। Prabhavit karne ka aasan tarika.

आपके चेहरे के भाव आपके कपड़ो से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।

हमारे काम शब्दों से ज्यादा तेज स्वर में बोलते हैं। आपकी मुस्कुराहट कहती है मैं आपको पसंद करता हूं, आपसे मिलकर मुझे खुशी होती है, आपको देखकर मैं खुश हुआ।

वह असली मुस्कुराहट एक ऐसी मुस्कान जो दिल से आती है और दिल तक पहुंचती है और इसीलिए बाजार में उसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है।

मुस्कुराने वाले लोग ज्यादा अच्छी तरह से सीखा और बेच पाते हैं, और अपने बच्चों को ज्यादा सुखद ढंग से पाल पाते हैं। मुस्कान में तेवर से ज्यादा शक्ति होती है। इसीलिए कोई भी बात सिखाने के लिए प्रोत्साहन दंड की तुलना में ज्यादा प्रभावी तरीका होता है। मुस्कान का प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है चाहे वह प्रभाव हमें दिखाई दे या ना दे।

आप फोन पर बातें करते समय मुस्कुराए आपकी "मुस्कुराहट" आपकी आवाज में सुनाई दे जाती है।

जब लोगों को किसी काम में मजा नहीं आता है, तब तक वह उसमें सफल नहीं हो पाते।

जब मैं मुस्कुराता हूं तो सचमुच जिंदादिल लगता हूं। मैंने लोगों की बुराई करना छोड़ दिया है। मैं आलोचना करने के बजाय प्रशंसा और सराहना करने लगा हुं। मैंने यह बोलना छोड़ दिया है कि मैं क्या चाहता हूं मैं अब सामने वाले व्यक्ति के नजरिए को समझने की कोशिश करता हूं। इन चीजों से मेरी जिंदगी में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। मैं अब पूरी तरह बदल गया हूं और पहले से ज्यादा खुश और अमीर हूं। मेरे पास अब दोस्तों और खुशियों की दौलत है और यही तो वह चीजें हैं जो असली महत्व की हैं।

खुश रहने का इकलौता रास्ता यह है कि चाहे हम कुछ ना हो पर हम इस तरह से बोले और व्यवहार करें जैसे हम सचमुच खुश हो।

दुनिया में हर व्यक्ति खुशी की तलाश में है। और इसे हासिल करने का एक ही रास्ता है। अपने विचारों को नियंत्रित करके खुशी हासिल करना। खुशी हमारे बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती। यह तो हमारी अंदरूनी परिस्थितियों पर निर्भर करती है।

सुख या दुख का इस बात से कोई संबंध नहीं है कि आपके पास कितना है या आप क्या है या आप कहां हैं या आप क्या कर रहे हैं इसका संबंध तो इस बात से है कि आप इस बारे में क्या सोचते हैं।

शेक्सपियर ने कहा था "कोई भी चीज बुरी या अच्छी नहीं होती हमारा नजरिया ही उसे अच्छी या बुरी बनाता है।"

"जिस व्यक्ति के पास मुस्कुराता हुआ चेहरा ना हो, उसे दुकान नहीं खोलनी चाहिए।" आपकी मुस्कुराहट आपकी सद्भावना का संदेश वाहक है। आपकी मुस्कुराहट उन सभी लोगों की जिंदगियों को रोशन करती है जो इसे देखते हैं। मुस्कुराहट की उसी व्यक्ति को सबसे ज्यादा जरूरत होती है जिसके पास देने के लिए मुस्कानें नहीं बची हैं।

Comments

Popular posts from this blog

विश्वास का महत्व। Vishwas ka mahatva.

जीवन में जो महत्व स्वास का है, समाज में वही महत्व विश्वास का है। विश्वास जीवन की स्वास है, विश्वास जीवन की आस है, विश्वास जीवन की प्यास है। दुनिया विश्वास पर टिकी है। जब तक विश्वास- है तब तक दुनिया है। विश्वास उठा यह दुनिया भी उठ जाएगी । लोग कहते हैं, पृथ्वी शेषनाग पर टिकी है लेकिन मैं कहता हूं कि दुनिया शेषनाग पर नहीं टिकी है, अपितु हमारे - तुम्हारे आपसी विश्वास पर टिकी है। विश्वास सृष्टि की बुनियाद है, श्रद्धा जीवन की नींव है। जीवन की इमारत श्रद्धा और विश्वास के मजबूत पायों पर ही तो खड़ी होती है। पति का पत्नी पर विश्वास है तो जीवन में खुशियां हैं। यह विश्वास टूटा और जीवन नर्क बन गया। बापका बेटे में और बेटे का बाप में विश्वास है तो रिश्तो में माधुर्य है, मिठास है। यह विश्वास उठा कि जीवन में कड़वाहट आई। मालिक का नौकर पर विश्वास न हो तो व्यापार ठप्प हो जाए और नौकर का मालिक पर से विश्वास जाता रहे तो सेवा एक पीड़ादाई बोझ बन जाएगी । स्मरण रहे संसार विश्वास से चलता है, धर्म श्रद्धा से चलता है और विज्ञान तर्क से चलता है। विज्ञान में श्रद्धा का कोई मूल्य नहीं ।

दुनिया की दस चंचल चीजें । Duniya ki Das Chanchal chinjhe.

असली समस्या मन है। इंद्रियां तो केवल स्विच है, मेन-स्विच तो मन ही है। जब कभी भी कोई विश्वामित्र अपनी तपस्या और साधना से फिसलता और गिरता है तो इसके लिए दोष हमेशा मेनका को दिया जाता है जबकि दोष ' मेनका' का नहीं, आदमी के ' मन- का 'है कोई भी आदमी मेनका के आकर्षण की वजह से नहीं, अपितु अपने मन की कमजोरी की वजह से गिरता है। मन बड़ा खतरनाक है। दुनिया से 10 चीजें चंचल है दस मकार चंचल है। आदमी का मन , मधुकर (भंवरा ),मेघ, मानिनी (स्त्री ),मदन (कामदेव), मरुत (हवा) मर्कट (बंदर), मां (लक्ष्मी), मद (अभिमान), मत्स्य - यह दस चीजें दुनिया में चंचल है, और इनमें भी आदमी का मन सर्वाधिक चंचल है । इस मन को समझना, समझाना बडी टेढ़ी खीर है। पल- पल में बदलता है, क्षण- क्षण में फिसलता है । एक पल में एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ जाता है और अगले ही पल बंगाल की खाड़ी में उतर जाता है। आदमी का मन चंचल है। मन हमेशा नशे में रहता है । मन पर कई तरह का नशा चढ़ा है पद का नशा, ज्ञान का नशा, पैसे का नशा, प्रतिष्ठा का नशा, शक्ति का नशा, रूप का नशा, इस तरह दुनिया में सैकड़ों तरह के नशे है। जो मानव मन पर

मित्र बनाए नहीं अर्जित किए जाते हैं Mitra banaye Nahin arijit kiye jaate Hain

हमारे जीवन में कुछ रिश्ते बहुत अनमोल होते हैं। मित्रता ऐसा ही रिश्ता है। कहते हैं मित्र बनाए नहीं जाते , अर्जित किए जाते हैं। ये रिश्ता हमारी पूंजी भी है , सहारा भी। आजकल दोस्ती के मायने बदल गए हैं तो इस रिश्ते की गहराई भी कम हो गई है। इस संसार में हम अपनी मर्जी से जो सबसे पहला रिश्ता बनाते हैं , वो मित्रता का रिश्ता होता है। शेष सारे रिश्ते हमें जन्म के साथ ही मिलते हैं। मित्र हम खुद अपनी इच्छा से चुनते हैं। जो रिश्ता हम अपनी पसंद से बनाते हैं , उसे निभाने में भी उतनी ही निष्ठा और समर्पण रखना होता है। आधुनिक युग में दोस्ती भी टाइम पीरियड का मामला हो गया है। स्कूली जीवन के दोस्त अलग , कॉलेज के अलग और व्यवसायिक जीवन के अलग। आजकल कोई भी दोस्ती लंबी नहीं चलती। जीवन के हर मुकाम पर कुछ पुराने दोस्त छूट जाते हैं , कुछ नए बन जाते हैं। दोस्ती जीवनभर की होनी चाहिए। हमारे पुराणों में कई किस्से मित्रता के हैं। कृष्ण-सुदामा , राम-सुग्रीव , कर्ण-दुर्योधन ऐसे कई पात्र हैं जिनकी दोस्ती की कहानियां आज भी प्रेरणादायी हैं। मित्रता भरोसे और निष्ठा इन दो स्तंभों पर टिकी होती है। कोई भी स्तंभ अपनी जगह स