आरक्षण भी असुरक्षा के भय से उत्पन्न हुई पद्धति है। जिसका हश्र हर कोई देख रहा है। किसी भी वजह से किसी के भी दिमाग में बैठा ना कि आप कमजोर हैं। आपको यदि सुरक्षा नहीं मिली, तो आप का विकास नहीं होगा। यह एक बहुत बड़ी विपरीत धारणा है। यदि वास्तविकता में किसी का विकास करना हो तो उसके मन से भय व अविश्वास को निकालने की जरूरत है। उन्हें अच्छी शिक्षा देने और संघर्ष के लिए तैयार करने की जरूरत है। यदि हम ज्यादा आरक्षण का सहारा देंगे, तो वह जाति या वर्ग विशेष कभी भी विकसित ही नहीं हो पाएगा। इसके साथ परस्पर मतभेद वह जातिवाद का जहर फैलता ही जाएगा। जिस चीज को भुलाने की जरूरत है उस चीज को बढ़ावा देंगे, तो हमारा भविष्य कभी अच्छा नहीं हो सकता। आरक्षण पूर्णतया वैज्ञानिक पद्धति है। लोगों को यह सिखाना कि किसी और को मिलने वाला अवसर आपको मिलना चाहिए, वैज्ञानिक कैसे हो सकता है। जो लोग किसी समाज के शुभचिंतक के रूप में कार्य करना चाहते हैं, उन्हें आरक्षण के बजाय ऐसे तरीके पर कार्य करना चाहिए जिससे समाज का वास्तविक भला हो सके। लोगों को प्रशिक्षित कर, उनके मन से यह डर निकालना है कि हम किसी से क
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