उम्र आयु सभी लेकर पैदा होते हैं, कोई कम या ज्यादा लेकर आता है। आयु के साथ छ: बातें जो उसे पूर्व जन्म से ही बन्ध कर ली वह भी साथ लेकर आता है। जाति, गति, स्थिति, अवगाहना, प्रदेश, अनुभाग ये छ: बातें लेकर पैदा होते हैं। जाती पंचेइंद्रिय, गति यानी मनुष्य, स्थिति यानी आयु, अवगाहना यानी शरीर, शरीर की लंबाई, प्रदेश अनुभाग यानि किस तरह के पुद्गगल। इस तरह ये बातें तो लेकर आए हैं। पर आयु को किस तरह पूरी की पशु की तरह मनुष्य की तरह ? कर्मों के सहयोग से जीव मूढ है, दु:खी है, बहुत सी वेदनाओं से युक्त मनुष्य योनि को छोड़कर अन्य योनियों में प्राणी अधिक दु:ख भोंगते हैं। असली आयु कितनी जिये ? मनुष्य योनि में ही धर्म ध्यान कर सकता है, बाकी मैं नहीं कर सकता। एक मुसाफिर घूमते - घूमते अंजान गांव में गया। वहां के शमशान भूमि से जब गुजरा तो उसने एक विचित्र बात देखी वहां पत्थर की पट्टियों पर मृतक की आयु लिखी थी। किसी पर छ: महीने, तो किसी पर दस वर्ष, तो किसी पर इक्कीस वर्ष लिखा था। वह सोचने लगा कि इस गांव के लोग जरूर अल्पायु होते हैं। सबकी अकाल ही मृत्यु होती है। जब वह गांव के भीतर गया तो लोगों ने उसका खूब स्व
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